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कड़वी सच्चाई — जब सनातन को समझने का धैर्य ही समाप्त हो जाता है

कड़वी सच्चाई — जब सनातन को समझने का धैर्य ही समाप्त हो जाता है

आज का हिंदू और सनातन की गहराई

Sanatan Dharma depth versus superficial understanding

आज का हिंदू यह चाहता है कि दुनिया उसके धर्म को समझे, लेकिन खुद अपने धर्म को समझने का धैर्य नहीं रखता।

उसे त्वरित उत्तर चाहिए, सरल नारे चाहिए, और बिना पढ़े पक्की राय चाहिए।

जब धर्म को समझाने की बारी आती है, तो हम क्रोध का सहारा लेते हैं, तर्क का नहीं। जब प्रश्न पूछे जाते हैं, तो हम चुप हो जाते हैं, क्योंकि उत्तर हमने कभी खोजे ही नहीं।

कड़वी सच्चाई यह है — जिस धर्म को समझने में मेहनत लगती है, उसे सतही लोग बोझ समझने लगते हैं।

सनातन सरल नहीं है, पर गहरा है। यह जल्दी नहीं सिखाता, पर सही सिखाता है।

अगर हम खुद गहराई में नहीं उतरेंगे, तो कोई और आकर हमें उथले पानी में डुबो देगा।

जय सनातन 🔱

धैर्य रखो, गहराई में जाओ — यही सनातन की पहचान है।


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