आज का हिंदू धर्म के लिए नहीं,
डर के लिए जी रहा है।
सच बोलने से डरता है,
तिलक लगाने से डरता है,
मंदिर जाने से डरता है,
और सबसे ज़्यादा —
अपने ही धर्म को मानने से डरता है।
जो समाज अपने धर्म पर गर्व नहीं करता,
वो धीरे-धीरे अपनी पहचान खो देता है।
लोग कहते हैं —
“धर्म दिल में होना चाहिए”
लेकिन जब दिल में होता है,
तो जीवन में भी दिखना चाहिए।
अगर धर्म सिर्फ़ बातों में है,
तो आने वाली पीढ़ी के लिए
वो बस किताबों में रह जाएगा।
कड़वी सच्चाई यह है —
जो अपने धर्म के लिए नहीं लड़ा,
वो एक दिन अपनी ज़मीन, संस्कृति
और सम्मान भी हार जाएगा।
जय सनातन 🔱
धर्मो रक्षति रक्षितः 🚩
सारांश
हिंदू आज धर्म के बजाय डर के कारण जी रहे हैं।
धर्म पर गर्व करना और उसका पालन करना आवश्यक है।
धर्म केवल दिल में न रहकर जीवन में भी दिखना चाहिए।
धर्म के लिए संघर्ष न करने पर संस्कृति और सम्मान खो सकता है।
सनातन धर्म का अस्तित्व जागरूकता और त्याग पर निर्भर है।
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