ब्रह्मा ने सृष्टि कैसे रची? – सनातन के अनुसार दुनिया की शुरुआत
सनातन धर्म के अनुसार दुनिया किसी एक दिन अचानक नहीं बनी, बल्कि यह एक बहुत गहरी, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया का परिणाम है। सनातन यह नहीं कहता कि ईश्वर ने “एक दिन” सृष्टि बना दी, बल्कि कहता है कि सृष्टि का निर्माण चक्रों (Cycles) में होता है — बनना, बिगड़ना और फिर नया बनना।
सनातन धर्म में ब्रह्मांड (Universe) को केवल पृथ्वी तक सीमित नहीं माना गया। इसके अनुसार करोड़ों ब्रह्मांड हैं और हर ब्रह्मांड में एक ब्रह्मा, एक विष्णु और एक शिव कार्य कर रहे हैं।
शुरुआत में केवल परब्रह्म था — न आकार, न नाम, न रूप। उसी परम शक्ति से तीन शक्तियाँ प्रकट हुईं:
ब्रह्मा – सृष्टि के रचयिता
विष्णु – सृष्टि के पालक
महेश (शिव) – सृष्टि के संहारकर्ता
ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना “सोच” से नहीं, बल्कि नाद (ऊर्जा कंपन) से की। सनातन कहता है कि पूरी दुनिया ओम् से बनी है। ओम् कोई शब्द नहीं, बल्कि वह ध्वनि है जिससे ऊर्जा में गति आई और ब्रह्मांड बना।
सनातन के अनुसार पहले बना —
आकाश (Space)
फिर वायु (Air)
फिर अग्नि (Fire)
फिर जल (Water)
फिर पृथ्वी (Earth)
इन्हें पंचमहाभूत कहा गया। आज आधुनिक विज्ञान भी यही कहता है कि पहले ऊर्जा बनी, फिर पदार्थ बना।
इसके बाद ब्रह्मा ने —
देवताओं की रचना की
ऋषियों की रचना की
मनु को बनाया — जिससे मानव जाति फैली
पशु, पक्षी, जलचर, वृक्ष, पर्वत, नदी, ग्रह, नक्षत्र — सब बनाए
सनातन के अनुसार इंसान कोई “दुर्घटना” नहीं है, बल्कि एक संज्ञा युक्त जीव है, जिसके अंदर ईश्वर का अंश है।
इसीलिए कहा गया —
"अहं ब्रह्मास्मि"
मैं वही हूँ जो ईश्वर है।
सनातन यह नहीं कहता कि ईश्वर ऊपर बैठा है, बल्कि यह कहता है कि ईश्वर हर जीव के भीतर है।
आज लोग पूछते हैं —
"सृष्टि कितने साल पुरानी है?"
सनातन का उत्तर है —
यह सृष्टि अरबों-खरबों साल पुरानी है और पहले भी कई बार बन चुकी है और आगे भी बनती रहेगी।
इसीलिए सनातन धर्म को —
सबसे पुराना नहीं, बल्कि शाश्वत धर्म कहा जाता है।
जिसका न जन्म है, न अंत।
📌 सनातन इतिहास ज्ञान श्रृंखला
लेखक / Writer
तु ना रिं 🔱
प्रकाशन / Publish By
सनातन संवाद
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Labels: Creation in Hinduism, Lord Brahma Story, Sanatan Dharma Cosmology, Hindu Universe Concept, ब्रह्मा सृष्टि रचना, ओम् और नाद, पंचमहाभूत, सनातन इतिहास ज्ञान श्रृंखला
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