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कड़वी सच्चाई — धर्म की असली परीक्षा मंदिर के बाहर होती है

कड़वी सच्चाई — धर्म की असली परीक्षा मंदिर के बाहर होती है

मंदिर के बाहर धर्म की असली परीक्षा

Sanatan Dharma true test outside temple

आज का हिंदू यह मानने को तैयार नहीं कि धर्म की सबसे बड़ी परीक्षा मंदिर के बाहर होती है।

हम पूजा के समय बहुत पवित्र बन जाते हैं, लेकिन जैसे ही जूते पहनते हैं, वही पवित्रता उतार कर रख देते हैं।

घर में भगवान के सामने हम मीठा बोलते हैं, और बाहर निकलते ही कठोर, स्वार्थी और असंवेदनशील हो जाते हैं।

हम कहते हैं कि भगवान सब देख रहे हैं, पर यह बात सिर्फ़ पूजा के समय याद रहती है, व्यवहार के समय नहीं।

कड़वी सच्चाई यह है कि जो व्यक्ति मंदिर में अच्छा है और जीवन में गलत, वह धार्मिक नहीं बल्कि अभिनय कर रहा है।

सनातन धर्म देवता बनने को नहीं, मानव को सही मनुष्य बनने को कहता है।

अगर धर्म सिर्फ़ पूजा तक सीमित रह गया, तो वह जीवन नहीं बदल पाएगा।

जय सनातन 🔱

मंदिर से बाहर भी वही रहो जो मंदिर के भीतर हो।


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