🔱 कड़वी सच्चाई – 15 (सनातन धर्म)
आज का हिंदू सबसे ज़्यादा जिस चीज़ से दूर है,
वो है उत्तरदायित्व।
हम कहते हैं —
“धर्म सरकार बचाए,”
“धर्म संगठन बचाएँ,”
“धर्म संत बचाएँ।”
लेकिन यह कभी नहीं कहते —
“धर्म मैं बचाऊँ।”
हम चाहते हैं कि कोई और आगे आए,
खुद सुरक्षित दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
हमें धर्म चाहिए,
लेकिन उसके लिए समय, त्याग और अनुशासन
देने की इच्छा नहीं।
कड़वी सच्चाई यह है —
धर्म किसी संस्था की जिम्मेदारी नहीं,
हर सनातनी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
जिस दिन हर हिंदू यह समझ लेगा कि
सनातन की रक्षा
उसके अपने जीवन से शुरू होती है,
उस दिन किसी खतरे की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।
धर्म बाहर से नहीं बचेगा,
धर्म भीतर से जगेगा।
जय सनातन 🔱
जिम्मेदारी लो —
यही असली धर्मयुद्ध है।
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❓ FAQs
कड़वी सच्चाई श्रृंखला का उद्देश्य क्या है?
हिंदू समाज को आत्ममंथन और जिम्मेदारी का बोध कराना।
सनातन धर्म की रक्षा किसकी जिम्मेदारी है?
हर एक सनातनी की, अपने आचरण और जीवन से।
धर्म बाहर से क्यों नहीं बच सकता?
क्योंकि धर्म का वास्तविक आधार व्यक्ति का चरित्र होता है।
लेखक / Writer : तु ना रिं 🔱
प्रकाशन / Publish By : सनातन संवाद
Copyright Disclaimer:
इस लेख का सम्पूर्ण कंटेंट लेखक तु ना रिं और सनातन संवाद के कॉपीराइट के अंतर्गत सुरक्षित है। बिना अनुमति इस लेख की नकल, पुनःप्रकाशन या डिजिटल/प्रिंट रूप में उपयोग निषिद्ध है। शैक्षिक और ज्ञानवर्धन हेतु साझा किया जा सकता है, पर स्रोत का उल्लेख आवश्यक है।
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