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कड़वी सच्चाई — जब धर्म पहचान बन जाता है, परिवर्तन नहीं

कड़वी सच्चाई — जब धर्म पहचान बन जाता है, परिवर्तन नहीं

आज का हिंदू और धर्म की असली परीक्षा

Sanatan Dharma identity versus transformation

आज का हिंदू यह मान बैठा है कि धर्म का मतलब सिर्फ़ पहचान है, परिवर्तन नहीं।

उसे गर्व है कि वह किस कुल में जन्मा, किस परंपरा से जुड़ा है, किस देवी-देवता को मानता है। लेकिन उसे यह चिंता नहीं कि उसका स्वभाव, सोच और कर्म धर्म के अनुरूप हैं या नहीं।

हम कहते हैं — “मैं सनातनी हूँ”, लेकिन क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार हमारे व्यवहार पर राज करते हैं।

कड़वी सच्चाई यह है — धर्म जन्म से नहीं सिद्ध होता, धर्म आचरण से प्रमाणित होता है।

अगर नाम बड़ा हो और चरित्र छोटा, तो धर्म सिर्फ़ पहचान बनकर रह जाता है, मार्गदर्शक नहीं बन पाता।

सनातन ने कभी “कौन हो” नहीं पूछा, उसने पूछा — “कैसे हो?”

जय सनातन 🔱

पहचान नहीं, परिवर्तन बनो — यही सच्चा सनातनी होना है।


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