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कड़वी सच्चाई — जब सहिष्णु कहलाने वाला हिंदू असहिष्णु हो जाता है

कड़वी सच्चाई — जब सहिष्णु कहलाने वाला हिंदू असहिष्णु हो जाता है

आज का हिंदू और सहिष्णुता की परीक्षा

Sanatan Dharma dialogue and tolerance philosophy

आज का हिंदू यह तो कहता है कि “मेरा धर्म सबसे सहिष्णु है”, लेकिन स्वयं सहनशील होना भूलता जा रहा है।

थोड़ा सा मतभेद हुआ नहीं कि हम गाली पर उतर आते हैं। कोई प्रश्न पूछ दे तो हम उसे शत्रु मान लेते हैं। कोई अलग दृष्टिकोण रखे तो हम संवाद के बजाय बहिष्कार चुनते हैं।

कड़वी सच्चाई यह है — जिस धर्म ने प्रश्नों से उपनिषद रचे, उसे प्रश्नों से डरने वाले अनुयायी कमजोर कर देते हैं।

सनातन ने कभी डराया नहीं, उसने जिज्ञासा जगाई। उसने तलवार से नहीं, तर्क और तप से विजय पाई।

अगर हम सवाल सुनना बंद कर देंगे, तो उत्तर देना भी भूल जाएंगे। और जिस दिन उत्तर भूल गए, उस दिन धर्म सिर्फ़ शोर बन जाएगा।

जय सनातन 🔱

संवाद रखो, विवेक रखो — यही सनातन की आत्मा है।


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