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मैं गर्व से कहता हूँ — मैं हिन्दू हूँ | Vasudhaiva Kutumbakam | तु ना र

मैं गर्व से कहता हूँ — मैं हिन्दू हूँ | Vasudhaiva Kutumbakam | तु ना रिं

मैं गर्व से कहता हूँ — मैं हिन्दू हूँ, क्योंकि मेरा धर्म ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना सिखाता है

Vasudhaiva Kutumbakam - Sanatan Dharma

नमस्कार, मैं तु ना रिं, एक सनातनी।

आज मैं आपको सनातन धर्म की उस महान भावना के बारे में बताने आया हूँ जो किसी भी धर्म, किसी भी संस्कृति, किसी भी देश के लिए सबसे ऊँची और सबसे प्रेमपूर्ण सोच है—
वसुधैव कुटुम्बकम्, अर्थात “पूरी धरती एक परिवार है।”

यह वाक्य केवल सुनने में सुंदर नहीं है, बल्कि जीवन जीने का ऐसा सिद्धांत है जो पूरे विश्व को जोड़ सकता है। और यही सनातन धर्म की सबसे बड़ी विशेषता है—यह सीमाएँ नहीं खींचता, यह दिलों को जोड़ता है।

जब वेदों ने यह कहा कि पूरी पृथ्वी हमारा परिवार है, तब न कोई देश थे, न संस्कृतियों की दूरियाँ, न तकनीक, न संचार—फिर भी हमारे ऋषियों की दृष्टि पूरे विश्व को समेट चुकी थी।

इस विचार का अर्थ यह है कि—
हम सब एक ही माता पृथ्वी के पुत्र हैं, हमारी सांस एक ही वायु से चलती है, हमारा अस्तित्व एक ही प्रकृति से मिलता है। फिर भेदभाव किस बात का?

इसलिए सनातन धर्म कहता है—
घृणा मत फैलाओ, एकता फैलाओ।
लड़ाई मत करो, समझ बढ़ाओ।
दूसरे को अलग मत समझो, उसे अपना समझो।

पूरी दुनिया में जब-जब संघर्ष हुआ, भारत ने हमेशा यही संदेश दिया—शांति, समरसता, और भाईचारा।

इसी भावना के कारण भारत कभी किसी देश पर चढ़कर नहीं गया, किसी को गुलाम नहीं बनाया, अपने धर्म को किसी पर थोपा नहीं। क्योंकि हमारा विश्वास साफ है—जो प्रेम से जीता है, वह दुनिया जीत लेता है।

मैं तु ना रिं पूरे गर्व से कहता हूँ कि मेरा धर्म केवल मुझे यह नहीं सिखाता कि मैं अपने परिवार से प्रेम करूँ, बल्कि यह भी सिखाता है कि हर जीव, हर मनुष्य, हर प्राणी—सब मेरे ही परिवार का हिस्सा हैं।

और यही कारण है कि मैं गर्व से कहता हूँ—
“हाँ, मैं हिन्दू हूँ, और मेरा धर्म मुझे बताता है कि पूरी धरती मेरा अपना परिवार है।”


Writer: तु ना रिं 🔱
Publish By: सनातन संवाद

Copyright Disclaimer:
इस लेख का सम्पूर्ण कंटेंट लेखक तु ना रिं और सनातन संवाद के कॉपीराइट के अंतर्गत सुरक्षित है। बिना अनुमति इस लेख की नकल, पुनःप्रकाशन या उपयोग निषिद्ध है। शैक्षिक उद्देश्य हेतु साझा किया जा सकता है, पर स्रोत का उल्लेख आवश्यक है।


FAQ – Vasudhaiva Kutumbakam से जुड़े सामान्य प्रश्न

  • वसुधैव कुटुम्बकम् का अर्थ क्या है?
  • सनातन धर्म में यह विचार क्यों महत्वपूर्ण है?
  • क्या यह केवल हिन्दुओं के लिए है?
  • भारत ने इस विचार को इतिहास में कैसे अपनाया?

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