नाड़ी विद्या — क्या भविष्य पहले से लिखा है?
सनातन धर्म केवल भूत नहीं बताता,
यह भविष्य भी देखता है।
नाड़ी विद्या कोई टोना-टोटका नहीं,
यह कर्म विज्ञान है।
दक्षिण भारत के महान ऋषियों —
अगस्त्य, भृगु, कौशिक, वशिष्ठ —
ने ध्यान में मानव जीवन की रेखाएँ देखीं।
उन रेखाओं को
ताड़-पत्रों पर लिखा गया।
आज भी तमिलनाडु में
लाखों लोगों की नाड़ियाँ सुरक्षित हैं।
नाड़ी विद्या कहती है —
आपका जीवन प्लान बना हुआ है,
पर फिक्स नहीं।
कर्म बदलो,
रेखा बदलेगी।
नाड़ी यह नहीं बताती —
आप अमीर बनेंगे या नहीं,
वह बताती है —
किस कारण बनोगे या नहीं।
यह विद्या भविष्य नहीं,
स्वभाव बताती है।
आपका —
विवाह,
संतान,
बीमारी,
भाग्य,
मोक्ष की दिशा —
सभी के संकेत मिलते हैं।
पर अंतिम अधिकार —
आपका होता है।
नाड़ी चेतावनी है,
फैसला नहीं।
सनातन कहता है —
सब कुछ लिखा है,
पर मिटाने का अधिकार
आपके हाथ में है।
यह विद्या डराने नहीं,
जगाने आई है।
लेखक / Writer
तु ना रिं 🔱
प्रकाशन / Publish By
सनातन संवाद
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Labels: नाड़ी विद्या, Nadi Vidya, भविष्य, कर्म विज्ञान, अगस्त्य, भृगु, कौशिक, वशिष्ठ, तमिलनाडु नाड़ियाँ, सनातन धर्म, तु ना रिं, सनातन संवाद
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