सनातन धर्म ख़तरे में इसलिए नहीं है क्योंकि कोई बाहर से हमला कर रहा है,
सनातन ख़तरे में इसलिए है क्योंकि आज का हिंदू अपने ही धर्म को “पुराना” समझने लगा है।
लोग विदेशी संस्कृति अपनाने में गर्व महसूस करते हैं,
लेकिन अपने ही पर्व, अपने देवी-देवता, अपने वेद-पुराणों से जुड़ने में “शर्म” महसूस करते हैं।
हम अपने बच्चों को अंग्रेज़ी सिखाते हैं,
लेकिन उन्हें गीता, रामायण और महाभारत पढ़ाने का समय नहीं निकालते।
हम मंदिर में फ़ोटो खिंचवाते हैं,
पर मंदिर का अर्थ नहीं समझते।
हम माथे पर तिलक लगाते हैं,
पर मन में धर्म नहीं उतारते।
सच्चाई यह है —
सनातन को कोई मिटा नहीं सकता,
लेकिन हम ही इसे कमजोर कर सकते हैं… अपनी उदासीनता से।
अगर हम आज नहीं जागे,
तो कल हमारी पीढ़ी हमें माफ़ नहीं करेगी।
जय श्री राम 🚩
जय सनातन 🔱
सारांश
सनातन धर्म खतरे में नहीं है, बल्कि उदासीनता से कमजोर हो रहा है।
हिंदू संस्कृति अपनाने और समझने में हमें गर्व महसूस करना चाहिए।
पर्व, देवी-देवता, वेद-पुराण और धार्मिक ज्ञान को बच्चों तक पहुँचाना ज़रूरी है।
धर्म का सही अर्थ समझना और जीवन में उतारना आवश्यक है।
अगर जागरूक नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ़ नहीं करेगी।
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