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मृत्यु के बाद क्या होता है? — सनातन का सबसे गूढ़ रहस्य | What Happens After Death | Sanatan Dharma View

मृत्यु के बाद क्या होता है? — सनातन का सबसे गूढ़ रहस्य | What Happens After Death | Sanatan Dharma View

मृत्यु के बाद क्या होता है? — सनातन का सबसे गूढ़ रहस्य

मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा - सनातन धर्म का दृष्टिकोण

सनातन धर्म मृत्यु को अंत नहीं मानता,
वह इसे केवल वस्त्र बदलना कहता है।

शरीर मिटता है,
आत्मा नहीं।

भगवद्गीता में कहा गया है —
“जैसे मनुष्य पुराने कपड़े छोड़कर नए पहनता है,
वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नया धारण करती है।”

मृत्यु के समय केवल साँस नहीं रुकती,
एक यात्रा शुरू होती है।

जब शरीर छूटता है,
आत्मा सूक्ष्म शरीर के साथ निकलती है —
जिसमें मन, बुद्धि और संस्कार होते हैं।

फिर आता है —
यम लोक का मार्ग।

पर यमराज डंडा लेकर खड़े कोई राक्षस नहीं हैं।
वे कर्मों के न्यायाधीश हैं।

यहाँ कोई रिश्वत नहीं चलती।
यहाँ केवल कर्म बोला जाता है।

मनुष्य मरने के बाद —
तीन मार्गों में से एक पर जाता है:

जो पुण्य करता है —
स्वर्गीय लोकों की ओर।

जो पाप करता है —
नरक लोकों की ओर।

जो जाग चुका है —
मोक्ष की ओर।

नरक कोई आग की भट्टी नहीं,
वह पश्चाताप की अवस्था है।

स्वर्ग कोई बगीचा नहीं,
वह सुख का भोग क्षेत्र है।

और मोक्ष?

मोक्ष वह स्थिति है जहाँ —
ना जन्म, ना मृत्यु
ना सुख, ना दुख
केवल शांति।

पर इस बात पर ध्यान दें —
स्वर्ग और नरक स्थायी नहीं हैं।
मोक्ष ही स्थायी है।

कर्मों का फल कटने के बाद,
आत्मा फिर धरती पर लौट आती है —
नए शरीर के साथ।

इसी को कहते हैं —
पुनर्जन्म

यदि जीवन में भक्ति है,
विवेक है,
त्याग है,
तो आत्मा ऊँचे लोक में जाती है।

यदि जीवन केवल वासना में बीता,
तो आत्मा भटकती है।

मृत्यु डर नहीं है,
अधूरापन डर है।

जो जीवन समझ कर जीया,
वह मृत्यु से भयमुक्त हो गया।


यदि यह लेख आपके मन के किसी गहरे भय या प्रश्न को शांत करता है, तो याद रखें — सही समझ ही मृत्यु के डर को खत्म करती है। इसे अपने परिवार, मित्रों और उन लोगों के साथ अवश्य साझा करें, जो किसी शोक, भ्रम या भय से गुजर रहे हैं। हो सकता है यह ज्ञान उनके लिए आध्यात्मिक सहारा बन जाए।

लेखक / Writer

तु ना रिं 🔱

प्रकाशन / Publish By

सनातन संवाद

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इस लेख का सम्पूर्ण कंटेंट लेखक तु ना रिं और सनातन संवाद के कॉपीराइट के अंतर्गत सुरक्षित है। बिना अनुमति इस लेख की नकल, पुनःप्रकाशन या डिजिटल/प्रिंट रूप में उपयोग निषिद्ध है। शैक्षिक और ज्ञानवर्धन हेतु साझा किया जा सकता है, पर स्रोत का उल्लेख आवश्यक है।

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Labels: मृत्यु के बाद क्या होता है, After Death in Sanatan, पुनर्जन्म, स्वर्ग और नरक, मोक्ष, यमलोक, कर्म सिद्धांत, Sanatan Dharma view on death, तु ना रिं, सनातन संवाद

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