तीर्थ और यात्रा — जब शरीर चलता है और आत्मा जागती है तीर्थ और यात्रा — जब शरीर चलता है और आत्मा जागती है तु ना रिं 🔱 | सनातन संवाद नमस्कार, मैं तु ना रिं, एक सनातनी। आज मैं तुम्हें उस परंपरा का अर्थ बताने आया हूँ जिसे लोग “घूमना” समझ लेते हैं, पर सनातन में…
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