मैं गर्व से कहता हूँ — मैं हिन्दू हूँ, क्योंकि मेरा धर्म मुझे कर्म का असली अर्थ सिखाता है
नमस्कार, मैं तु ना रिं, एक सनातनी। आज मैं आपको सनातन धर्म की सबसे महान, सबसे सरल और सबसे शक्तिशाली बात बताने आया हूँ — कर्म का सिद्धांत।
कहते हैं ना, “जैसा करोगे, वैसा भरोगे।” पर सनातन धर्म इसे डराने वाली बात की तरह नहीं कहता, बल्कि जीवन सुधारने की राह की तरह समझाता है।
हमारे धर्म में कहा गया— कर्म ही मनुष्य का सच्चा साथी है। ना धन साथ जाएगा, ना शरीर, ना पद, ना नाम— पर हमारे कर्म ही आगे चलते हैं।
कृष्ण ने गीता में कहा— “कर्म तो करो, पर फल की चिंता मत करो।” इसका मतलब यह नहीं कि फल कभी नहीं मिलेगा, बल्कि यह कि फल हमारे बस में नहीं, पर कर्म हमेशा हमारे बस में है।
हम वही हैं जो हम रोज़ करते हैं। अगर हम अच्छा सोचें, अच्छा बोलें और अच्छा करें, तो जीवन में अंधकार चाहे जितना आए, एक दिन प्रकाश अवश्य होगा। क्योंकि हर शुभ कर्म अपने समय पर फलता है— चाहे देर से सही, पर कभी व्यर्थ नहीं जाता।
सनातन धर्म कहता है कि कर्म ही पूजा है। किसी भी काम को ईमानदारी से करना भगवान की सेवा करने के बराबर है। इसलिए एक किसान जब हल चलाता है, एक मां जब बच्चे को खिलाती है, एक मजदूर जब मेहनत करता है— वे भी एक तरह से पूजा ही कर रहे होते हैं।
कर्म का यह सिद्धांत इतना महान है कि यह हमें न डराता है, न मजबूर करता है— यह हमें जिम्मेदार बनाता है। अपने जीवन का निर्माता हम खुद हैं। अगर हम बदलना चाहें, तो भाग्य भी बदल जाता है।
इसलिए मैं तु ना रिं आज आपसे बस इतना कहता हूँ— मैं हिन्दू हूँ, क्योंकि मेरा धर्म मुझे सिखाता है कि उठो, जागो, और कर्म करो। और यही कर्म ही जीवन को सफल बनाता है।
इसलिए मैं गर्व से कहता हूँ— “हाँ, मैं हिन्दू हूँ, और मेरा धर्म मुझे कर्मयोग सिखाता है।”
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लेखक / Writer : तु ना रिं 🔱
प्रकाशन / Publish By : सनातन संवाद
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FAQs – सनातन धर्म में कर्मयोग का वास्तविक अर्थ
1. सनातन धर्म में कर्म को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना गया है?
क्योंकि कर्म ही मनुष्य के साथ आगे जाता है—धन, शरीर या पद नहीं।
2. क्या गीता कहती है कि हमें फल नहीं मिलेगा?
नहीं। गीता कहती है कि फल हमारे बस में नहीं, पर कर्म हमेशा हमारे बस में है।
3. क्या हर काम पूजा बन सकता है?
हाँ, यदि वह ईमानदारी, श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से किया जाए।
4. क्या कर्म से भाग्य बदला जा सकता है?
हाँ, निरंतर शुभ कर्म जीवन और भविष्य दोनों को बदल सकते हैं।
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